भारतीय
रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा नीति से पहले देश के तीन बड़े बैंकों भारतीय
स्टेट बैंक, पंजाब नैशनल बैंक और
आईसीआईसीआई बैंक ने अपने कर्ज की दर बढ़ा दी है। तीनों बैंकों ने अपने
बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स या एमसीएलआर को 0.1 पर्सेंट तक बढ़ा
दिया है। ऐसे में लोन लेने वाले ग्राहकों को कर्ज पर अब अधिक ब्याज चुकाना पड़ेगा।
ब्याज की नई दरें शुक्रवार से ही लागू हो गई हैं।
भारतीय स्टेट बैंक ने 3 साल तक की अवधि तक के अपने कर्ज की दरों को 10 बेसिस
पॉइंट्स तक बढ़ा दिया है।
एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक उसका एमसीएलआर या लेंडिंग
रेट 7.8 फीसदी की बजाय 7.9 पर्सेंट हो
गया है। इसके अलावा तीन साल की अवधि के लिए एमसीएलआर 8.35 की
बजाय 8.45 फीसदी हो गया है। यही नहीं सरकारी क्षेत्र के एक
अन्य दिग्गज बैंक पीएनबी ने अपने तीन और सात साल की अवधि के लोन के लिए एमसीएलआर
को क्रमश: 8.55 पर्सेंट और 8.7 पर्सेंट
कर दिया है। देश के दूसबे सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई ने भी 5 साल के लिए अपनी लेंडिंग रेट को 10 बेसिस पॉइंट्स बढ़ाते हुए 8.70 पर्सेंट करने का फैसला लिया है। यही नहीं एक और तीन साल के लोन के लिए भी बैंक ने अपने एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा किया है। हालांकि यदि लोन सिर्फ तीन महीने का ही होता है तो फिर ब्याज की दर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
पीएनबी ने बेस रेट भी 10 बेसिस पॉइंट्स बढ़ाया
पीएनबी ने अपने बेस रेट को भी 9.15 पर्सेंट से बढ़ाकर 9.25 पर्सेंट करने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक अन्य बैंक भी इस रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं। ज्यादातर होम और ऑटो लोन एमसीएलआर से लिंक होते हैं। कर्नाटक बैंक ने जमा राशि पर इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का फैसला लिया है।