Wednesday, April 17, 2019

अब 1 रुपये में भी खरीद सकते हैं सोना


भारत में सोना खरीदने और पहनने का जुनून आज भी कायम है, लेकिन हर कोई एक साथ लाखों रुपये नहीं जुटा पाता है। इसके लिए डिजिटल गोल्ड वरदान बनकर आया है। इसमें एक रुपये से भी निवेश हो सकता है और धीरे-धीरे रकम जमा कर सोना खरीद सकता है। 
भारत में ज्यादातर पेमेंट वॉलेट ने डिजिटल गोल्ड अकाउंट खोलने की सुविधा दी है, जो बेहद लोकप्रिय हो रही है। दरअसल, अगर आप दुकान से सोना खरीदेते हैं तो उसे लॉकर-वॉल्ट में रखना भी महंगा सौदा होता है। एक परेशानी यह भी है कि ज्वैलरी ब्रांड उन्हीं की शॉप से बिका सोना खरीदना पड़ता है। जब आप दुकान से सोना खरीदते हैं तो आभूषण में लगे कीमतों पत्थरों की कीमत भी सोने जितनी तोली जाती है, पर डिजिटल गोल्ड में प्रत्येक रुपया 24 कैरेट के सोने की खरीद में निवेशित होता है। 
डिजिटल गोल्ड अकाउंट की 2012 में शुरुआत के बाद बीते सात सालों में करीब आठ करोड़ खाते खुल गए हैं। पेटीएम, गूगलपे, फोनपे जैसे वॉलेट ऐसे खाते की सुविधा देते हैं। 
डिजिटल गोल्ड रखने में कंपनियां दो साल तक कोई शुल्क नहीं लेती हैं। बाद में भी लॉकर की तुलना में मामूली शुल्क लगता है। ज्यादातर वॉलेट पांच साल डिजिटल गोल्ड जमा रखते हैं।
कई कंपनियां अब डिजिटल गोल्ड को बिना किसी शुल्क के आभूषण बनवाने की सुविधा भी दे रही हैं। इसके लिए उन्होंने तमाम नामी ज्वैलरी ब्रांड से करार भी किए गए हैं।
क्या है डिजिटल गोल्ड: डिजिटल गोल्ड 24 कैरेट सोने की ऑनलाइन खरीद का जरिया है। इसमें आप जितना निवेश करते हैं, उतना ही सोना सुरक्षित रख दिया जाता है। 
पारदर्शिता : डिजिटल गोल्ड में 24 कैरेट की शुद्धता वाले सोने की गारंटी भी मिलती है। बाजार में मौजूदा भाव पर आप खरीद-बिक्री कर सकते हैं। 
सुरक्षा की चिंता नहीं : डिजिटल गोल्ड आपके खाते में जमा रकम की तरह होता है। जबकि सोना खरीदने के बाद उसे लॉकर आदि में रखने पर भारी खर्च आता है। 
समय की बचत : डिजिटल गोल्ड अकाउंट से सोने की खरीद या बिक्री में समय नहीं लगता। बल्कि आप कभी भी किसी भी वक्त इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। 
बेहद किफायती: सोने के आभूषण खरीदना काफी महंगा होता है, उस पर ज्वैलर्स भारी मेकिंग चार्ज लगाते हैं। जबकि डिजिटल गोल्ड में 100-200 या कई वॉलेट में तो एक रुपये से भी निवेश कर सकते हैं। 
जीरो मेकिंग चार्ज : दुकान से सोने के आभूषण की खरीद में मेकिंग चार्ज भी जुड़ता है और पांच से 13 फीसदी तक होता है। जबकि डिजिटल गोल्ड में सिर्फ सोने की कीमत जुड़ी होती है।