सरकार ने बुधवार को
एक अहम बदलाव के तौर पर बूढ़े, बीमार और घायल आदमी को नेशनल
बायोमेट्रिक पहचान पत्र ‘आधार’ के
उपयोग में छूट दे दी है। अब ऐसे व्यक्ति बैंक खाते में अपनी पहचान का प्रमाणीकरण
करने के लिए आधार के स्थान पर किसी अन्य पहचान पत्र का उपयोग भी कर पाएंगे।
सरकार ने बुधवार को इसके लिए गजट नोटिफिकेशन जारी
किया, जिसमें कहा गया कि मनी-लांड्रिंग निरोधक नियमों
में पहचान के विकल्पों की सुविधा देने के लिए संशोधन किया जा रहा है। इसका लाभ कुछ
खास श्रेणी के आदमी ही उठा पाएंगे, जिन्हें अपने बायोमेट्रिक
प्रमाणीकरण में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
जब इस बारे में आधार पर नियंत्रण करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सीईओ अजय भूषण पांडे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस नियम से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण में परेशानी उठाने वाले बूढ़े आदमियों, घायलों और बीमार लोगों को बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं का उपयोग बिना किसी दिक्कत के करने का मौका मिलेगा। साथ ही इससे ये भी तय होगा कि किसी भी असली खाताधारक को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण में परेशानी के कारण बैंकिंग सेवाओं से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार लिंक करने और इसे वैधता देने वाले कानून के खिलाफ याचिकाओं पर 38 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद 10 मई को अपना निर्णय सुरक्षित किया था। इससे पहले मार्च में शीर्ष न्यायालय ने 31 मार्च तक अपने बैंक खातों और मोबाइल नंबरों को आधार से लिंक करने के नियम में भी छूट दे दी थी।
जब इस बारे में आधार पर नियंत्रण करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सीईओ अजय भूषण पांडे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस नियम से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण में परेशानी उठाने वाले बूढ़े आदमियों, घायलों और बीमार लोगों को बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं का उपयोग बिना किसी दिक्कत के करने का मौका मिलेगा। साथ ही इससे ये भी तय होगा कि किसी भी असली खाताधारक को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण में परेशानी के कारण बैंकिंग सेवाओं से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार लिंक करने और इसे वैधता देने वाले कानून के खिलाफ याचिकाओं पर 38 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद 10 मई को अपना निर्णय सुरक्षित किया था। इससे पहले मार्च में शीर्ष न्यायालय ने 31 मार्च तक अपने बैंक खातों और मोबाइल नंबरों को आधार से लिंक करने के नियम में भी छूट दे दी थी।